बुधवार, 7 अगस्त 2013

आह की उम्र श़बाब पर आई।

आह की उम्र श़बाब पर आई।  
तब ग़ज़ल किताब पर आई।  

आनंद राठौर 

सोमवार, 8 जुलाई 2013

तेरी हंसी का एक कतरा ..और पानी बरसात का .

आधा  टुकरा  चाँद  का  , आधा  तेरी  याद  का ..
जागती  आँखों  में  सपने ..किस्सा  सारी रात  का

हर  कहानी  का  सबब  ,हर  गीत  मेरी  किताब  का
तेरी  हंसी  का  एक  कतरा ..और  पानी  बरसात  का .

गुरुवार, 27 जून 2013

किसान क्या होता है


तपती दोपहर में दमकते सोने से गेहूं की ये बालियाँ ..
देखते ही एक अज्ञात आनंद का एहसास और उन्हें समेट लेने की आरज़ू 
और फिर ..चलती दरांती ..टपकता पसीना . धुल फांकता जिश्म .. 
दर्द से दुखता रोम - रोम ..पल पल बदलता मौसम , 
आसमान में बादल का टुकड़ा डर भर देता है 
तेज होती हवा .. हाथ तेज चलने को मजबूर कर देती है .
पसीना बहता है .. थकान से चूर , फिर भी हाथ चलते हैं ..

कीमत देकर रोटी खाने वालों .. जिस दिन 
अपने हाथ में दरांती उठा के फसल काटोगे ..
धुल फान्कोगे.. बादल – हवा देख के डरोगे.. 
धुप में जलोगे ..
उस दिन तुम जान पाओगे किसान क्या होता है ..रोटी की कीमत क्या है. 
उस दिन समझ पाओगे मेरी कविता का मतलब . 
उस दिन दे पाओगे किसान.. इस अन्न -दात्ता को सम्मान .

c@anand rathore

मंगलवार, 19 मार्च 2013

Dayalbagh Educational Institute - DEI


दयालबाग एजुकेशनल इंस्टिट्यूट - DIE - ये  लाल ईमारत. वर्षों से अपने बुलंद इरादों के साथ खड़ी है. ये आम यूनिवर्सिटी नहीं है. ये वो संसथान है जहाँ भविष्य के होनहारों की गढ़त होती है. महा मानव बनाने की अद्भुत कला यहाँ विकसित हो रही है. और एक दिन इसी इमारत से दुनिया महा मानव निकलते देखेगी.

 इस इमारत के  एक एक पत्थर में परम प्रकाशवान महा पुरषों की चेतनता भरी है. उनके ज्ञान का सार वहां मौजूद है. जो भी वहां जाता है , अगर वो जड़ नहीं है.. ज़रा सा भी चेतन है .उस परम शक्ति की रौशनी का एहसास कर सकता है. जो भी वहां पढता है ,वो वहां के ज्ञान से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता. जो भी यहाँ आया इस से प्रभावित हुए बिना नहीं रह पाया.

इस संस्थान की ऐसी महिमा यहाँ से जुड़े प्रज्ञावान लोगों के अथक प्रयाशों का नतीजा है. बिना प्रचार प्रसार के इस संस्थान ने नाम कमाया है. अपनी योग्यता की वजह से. इस संस्थान से निकले संस्कारी और ज्ञान वान विद्यार्थियों की वजह से इसका नाम हुआ है, जिन्होंने अपने अपने छेत्र में बुलंदियों को छुआ . वहां के लोगों के नेक काम की वजह से इसका नाम है. और इसकी सबसे बड़ी पहचान है - अनूठी , बहुमूल्य शिक्षा का मॉडल. जो दुनिया में कहीं नहीं है.

इस बाग़ से निकले फूलों की  खुशबू से दुनिया को इसकी खबर हुयी. आज के दौर में जहाँ अरबों रुपया खर्च कर के universities अपना प्रचार कर के.. अपना वजूद बनाने की कोशिश में दिन रात लगी हैं.. वहां DEI बिना इस शोर के आगे बढ़ा जा रहा है.

बहुत वहां से पढ़ कर जा चुके और बहुत वहां पढ़ रहे हैं. लेकिन जो भी वहां से जुडा उसके मन में DEI के लिए आपार श्रद्धा है. प्रेम है. बहुत से नए लोग यहाँ आ रहे हैं .. जो इसके बारे में जानते हैं और बहुत से ज्यादा नहीं जानते.  उन्हें जानने की कोशिश करनी चाहिए. ये आम कॉलेज कि तरह एक मामूली कैंपस लग सकता है.. उन्हें जो इसे बाहरी दुनिया से compare करते हैं.. लेकिन जिन्हें ज़रा भी इसकी आत्मा कि भनक है.. वो वहां अपनी ज़िन्दगी बदल सकते हैं.

मेरा ये सब लिखने का एक मकसद है ..और वो ये है कि मैं बताना चाहता हूँ ,  बड़े से बड़ा संकट ..बड़े से बड़ा तूफ़ान इस इमारत पे लगी एक चुने कि परत के हलके से रंग को भी फींका नहीं कर सकता. लेकिन इस संस्थान से जुड़े तमाम लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है जो इसकी गरिमा को ठेस पहुंचाएंगे . जो बिना सोचे समझे इसके नाम का इस्तेमाल अपनी गैर ज़रूरी , गैर वाजिब मकसद के लिए करेंगे.

इस महान संस्थान का नाम किसी भी मकसद के लिए इस्तेमाल करने से पहले आप सब सोचियेगा. सोचियेगा कि आप जो कर रहे हैं उस से आपको क्या हासिल होगा? इस संस्थान को क्या फ़ायदा होगा? अगर आपको लगे कि जो आप इसके नाम पर कर रहे हैं. सही है , तो ज़रूर कीजिये. लेकिन आपकी गैरत , आपका ईमान ज़रा भी डगमगाए तो किसी भी काम में इस नाम का इस्तेमाल हरगिज़ न करें.

सबसे गुज़ारिश है कि इसका नाम सोच समझ कर इस्तेमाल कीजिये...ये याद रहे  इसके नाम के साथ आपका भविष्य ..आपका अस्तित्व जुडा है. ये संस्थान किसी के नाम कि मोहताज़ नहीं है. इसके नाम से आपका काम होता है. इसके ऊपर दाग लगाने का मतलब है अपने ऊपर दाग लगाना. कल इसका नाम आप लेके बहार जायेंगे. दुनिया इसके नाम से आपको जानेगी .. आप जो करेंगे ..वो आपके साथ जाएगा.. सारे जीवन आपके साथ रहेगा...

जो भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं अगर उन्हें लगता है उन से गलती हुयी है, सुधार ले. और वो सारे जो इस गलती का हिस्सा अनजाने में या जान कर बन रहे हैं वो भी सुधार लें. समझदार को इशारा काफी होता है. हम कई बार अच्चा सोच कर गलत कर बैठते हैं . मुझे उम्मीद है.. मेरे दोस्त , साथी , इस संस्थान से जुड़े लोग.. students सब इस बात का ख्याल रखेंगे. इस महान संस्थान कि  गरिमा बनाये रखेंगे. DIE - मेरी शान ...मेरा नाम.. मेरी जान ..

गुरुवार, 7 फ़रवरी 2013

Jagjit Singh sahab- happy birthday

आज जगजीत सिंह साहब का जन्मदिन है. आज तुम फिर बहुत याद आये. पेश है उनकी गयी हुयी पसंदीदा ग़ज़ल


DUNIYA SE DIL LAGA KE DUNIYA SE KYA MILEGA...YAADE-KHUDA KIYE JAA, TUJHKO KHUDA MILEGA..  

https://www.youtube.com/watch?v=ALU1Sao-PNY

मंगलवार, 1 जनवरी 2013

अच्छा है

सुबह  हो  चुकी  है  , चाय  बन  चुकी  है . चाय  की  चुस्कियों  के  बीच  हाथ  चल  रहे  हैं .. लिख  रहा  हूँ  ..सोच  रहा  हूँ … ये  धरती  चक्कर  लगाती  हुयी  क्यूँ  रात  दिन  बनाती है ?…कुछ  भी  तो  नहीं  बदला  मेरे  कमरे  में  .. वक़्त  की  इस  रफ़्तार  ने  मुझे  न  पीछे  धकेला न  आगे ..मैं  वहीँ  हूँ  पिछले  24 घंटो  से ..शायद  अब   मुझ  में  कुछ  जोड़ना  घटाना मुमकिन  नहीं  रहा . अच्छा है  , ज़िन्दगी  में  ठहराव  का  आना … ख़ामोशी  और  सिर्फ  तुम्हारा  होना ..अच्छा है .. रात  दिन  बनते रहे.ज़िन्दगी  चलती  रहे  ..उसे  रुक  कर  देखना  अच्छा  है .