Akela Hi Sahi
मंगलवार, 20 नवंबर 2012
बोलती तन्हाई
खामोश तकिया , उदास रजाई
गुमसुम कमरा , बोलती तन्हाई
नींद का टुकड़ा फिर से टूटा
तेरी आहट मुझको आई .
c@anand rathore
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