Akela Hi Sahi
रविवार, 26 सितंबर 2010
रूह जब रोशन होती है ।
हजारों आफताब शर्मशार होते हैं।
उनको खोफे - रुसवाई नहीं हुआ करती।
जो अपनी नज़रों में इज्ज़तदार होते हैं।
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