शनिवार, 21 अगस्त 2010

रि मा इ न ड मी लेटर

जैसे ही कंप्यूटर खोला

मेसेज का बॉक्स खुला , मेसेज था

सॉफ्टवेर अपडेट करें , आपके ब्रॉडबैंड इन्टरनेट पे बस कुछ मिनट में हो जायेगा , कंप्यूटर रिस्टार्ट करने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी

कुछ सोचा , याद आया , इन्टरनेट में बैलेंस नहीं है ..

फिर देखा , लिखा था , इन्स्टाल ना एंड रि मा मी लेटर

दो आप्शन थे , रि मा मी लेटर पे क्लिक कर दिया

बॉक्स बंद हो गया , ऐसा लगा , समस्या का समाधान हो गया .

अगर आप परेशानी में हो और आपको आप्शन मिल जाए ,

तो बड़ा रेलिएफ मिलता है . कुछ वक़्त के लिए ही सही ,

आदमी की आदत है , कल किसी उम्मीद में जी लेता है .

तभी बच्चा गया , बोला कंप्यूटर टीयु अन की फीस भरनी है

कुछ सोचा , याद आया , बैंक में बैलेंस नहीं है .

फिर उसे देखा , कंप्यूटर की तरह उसकी आँखों में लिखा था .

अभी या कल याद दिलायुं .

दो आप्शन उसकी दोनों आँखों में इन्स्टाल ना और रि मा इ न ड मी लेटर की तरह बने बॉक्स साफ़ दिख रहे थे .

दिमाग जैसे सुन्न था , मूह से निकला , रि मा इ न ड मी लेटर।

वो चला गया , वैसे ही जैसे क्लिक करते ही कंप्यूटर में मेसेज बॉक्स बंद हो गया था

लेकिन मेरे दिमाग में गूंजता रहा , रि मा इ न ड मी लेटर।

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