सोमवार, 23 अगस्त 2010

अकेला ही सही

मैं मुस्कराहट फ़ैलाने वाली जात का हूँ कभी रोऊंगा नहीं ..... मैं जीत का परचम लहराने वाली कौम का हूँ , कभी हरूँगा नहीं .... वो रास्ता जो भीड़ की तरफ जाता है ...मेरा नहीं है ... मैं खोना नहीं चाहता , उस तरफ गया तो खो जाऊंगा ... मुश्किल ही सही सच्चाई का रास्ता ...कोई साथ दे या न दे ... मैं उसी पर चलूँगा ....अकेला ही सही

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