सोमवार, 23 अगस्त 2010

दिल से कोई दर्द का बादल टकराया होगा।
आँखों ने यूँ ही तो न पानी बरसाया होगा।

माँ के खुदरे हाथों में नमी आई है।
बेटा पहली तनख्वाह लाया होगा।

आज उसने खुद को संवारा देर तक ।
किसी ने उसके दिल का दरवाज़ा खटखटाया होगा।

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