शुक्रवार, 27 अगस्त 2010

तुझे सारी रात जगाऊंगा।
मैं ख्वाब बनकर आऊंगा।

मैं वो दीवाना नहीं, भूले ज़माना जिसे।
तुम सोचोगी मुझको , मैं तुमको बहुत याद आऊंगा।

पलकों के बाँध मजबूत रखना ।
तेरी आँखों में सैलाब बन कर आऊंगा।

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