Akela Hi Sahi
सोमवार, 11 अक्टूबर 2010
उफ़… ये मजहब …क्या फ़ायदा इसका जो इंसान को इंसान नहीं रहने देता… राम वाला अल्लाह नहीं कहने देता..अल्लाह वाला राम नहीं कहने देता… अजब मजहब है इंसान को इंसान नहीं रहने देता…
1 टिप्पणी:
Sunil Kumar
11 अक्टूबर 2010 को 6:39 pm बजे
बात तो सही है लेकिन हमारी समझ में कब आएगी
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