सोमवार, 11 अक्टूबर 2010

उफ़… ये मजहब …क्या फ़ायदा इसका जो इंसान को इंसान नहीं रहने देता… राम वाला अल्लाह नहीं कहने देता..अल्लाह वाला राम नहीं कहने देता… अजब मजहब है इंसान को इंसान नहीं रहने देता…

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