रविवार, 17 अक्टूबर 2010
आप सबको विजयदशमी की शुभकामनाये ...
आप सबको विजयदशमी की शुभकामनाये ...
मर्यादा पुरोषोत्तम श्री राम ने आज ब्रहमज्ञानी तेजस्वी त्रिलोक विजयी महाप्रतापी रावण के अहंकार और उसके भीतर के राक्षस का वध किया था. मुझे लगता है हमे भी रावण दहन और उस महा पंडित के विनाश को इसी रूप में लेना चाहिए. हर इन्सान के अन्दर एक रावण है , एक अहंकारी दानव है. एक अत्याचारी है . जिसका दमन हमे स्वयम करना चाहिए.
ये तस्वीर जो मैंने लगायी है , ये कालोनी के हर तबके के बच्चे के प्रयास , प्रेम और सदभावना का प्रतिक है . इन बच्चों ने खुद मिलकर इसे बनाया है. कौन किस जात का है, आमिर है गरीब है , उसका क्या मजहब है इन्हें नहीं पता. इन्हें रावण बनाने से मतलब है. साथ बैठ कर खुशियाँ मनाने से मतलब है. इन बच्चों ने मिलकर अपने नन्हे हाथों से ये रावण का पुतला बनाया है. इनके साथ एक तश्वीर मैं भी खीचना चाहता हूँ..आज शाम ज़रूर जाऊंगा . ये असली हीरो हैं ..और हमारी उमीद हैं. इनका प्यार , इनका प्रयास , इनकी सदभावना हम बड़े लोगों को ठेंगा दिखाती है , जात पात पे लड़ने वालो को जीभ चिडाती है.
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विजय-दशमी पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंसादर
समीर लाल
Mere jeewan me Shanti thi, hain ya nahi rahegi mujhe nahi lagta is khabar se releted hain!
जवाब देंहटाएंThink before writing comment.
samir ji aapko bhi bahut bahut mubarakvad..aur manorma ji aapko bhi...
जवाब देंहटाएंmanorma ji , am really sorry if you feel like that..am sensible person and try to read between lines..i just mean to say ..aap patrkaar hain aur iss mudde par kuch din shaanti bani rahegi... aur mujhe shaanti ke baad aane wale tufaan par aapki khabar ka intezar rahega.. that's it... if u think there is anything wrong..am sorry .. bests...
मेरे ब्लॉग पर खूबसूरत टिप्पणी करने के लिए धन्यवाद आपके ब्लॉग पर आपकी जिंदादिली देखकर अच्छा लगा हाँ जीवन ऐसे भी जिया जाता है...
जवाब देंहटाएंaapko bahut abhtu shubhkaamnaein... aap mere blog par aaye uske liye shukriya ... aapki kavita bahut hi achhi lagi ... sarahna ke liye dhanyawaad
जवाब देंहटाएंshukriya... keep posting...
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